Midbrain Activation क्या है? और क्या काम करता है।

हमारा Brain तीन भागोमे होता हैं। एक राइट ब्रेन,दुसरा लेफ्ट ब्रेन और जो तिसरा ब्रेन है उसे मिडल ब्रेन मतलब जोड़ने वाला,सेतु के जैसा काम करता है। राइट ब्रेन और लेफ्ट ब्रेन हर समय सक्रिय होता है। मगर मिडल ब्रेन कुछ हदतक कम मात्रा मे Active रहता है। मगर इस मिडल ब्रेन की पुरी क्षमताको बढाया जा सकता है।आज की शिक्षण व्यवस्था इस लेफ्ट ब्रेन को ही जादा प्रशिक्षित कर रही है। इससे राइट ब्रेन बहुत ही कम उपयोग में आ जाता है। लेफ्ट ब्रेन यह तार्किक क्षमता वाला होता है और सृजन शक्ति से सम्पन्न राइट ब्रेन होता है। दोनों ब्रेन के बीच का सेतु यदि सक्रिय हो जाता है,तो बच्चे के ब्रेन की क्षमता बढेगी। उसकी IQ और EQ दोनों एक साथ बढने लगते है।लेफ्ट ब्रेन से पढ़ाई रट्टा मारके याद कि जा सकती है। लेकिन राइट ब्रेन को कलात्मक या आविष्कार करके चित्रोंकी भाषासे,कहानी बनाकर सृजनात्मक कीया जा सकता है।

मिड ब्रेन एक्टिवेशन कैसे कराया जाता है?

मिड ब्रेन सक्रिय करनेके लिए विशेष ध्यान पद्धति,त्राटक और श्वास की विशेष तकनीक द्वारा सबसे पहले बच्चे के दिमाग को गहरी सासोंकेद्वारा नियंत्रित जाता है। इससे चेतनमन और अवचेतन मन के बीच मे एक सेतु बननेका काम शुरु होता है। मिड-ब्रेन सक्रिय होते ही मेमरी पावर,एकाग्रता क्षमता,दृशावलोकन क्षमता,कल्पनाशक्ती का विकास, कलात्मकता,जल्दी पढ़ने की कला जाग्रत हो जाती है।बच्चों को अल्फा अवस्था, विश्रामपुर्ण भावदशा में ले जाकर उन्हें अलग-अलग स्टेप,जैसे कि ब्रेन व्यायाम,ब्रेन जिम,डांस,पजल्स गेम्स, योग व ध्यान क्रियाएं और अंतमे विशेष श्वास पद्धति की जाती हैं।

मिड ब्रेन एक्टिवेशन करनेमें कितना वक्त लगता है?

मिड ब्रेन एक्टिवेशन दो दिन में ही संभव है। मगर पुरी तरह सक्रिय होनेकेलिये कम से कम 21 से 90 दिन घर मे दि जानेवाली प्रॅक्टिस करनी जरुरी होती है। पहले दिन सभी information बतायी जाती है और दूसरे दिन Activation अभ्यास कराया जाता है। इसके बाद घर मे करनेका अभ्यास बताया जाता है। करीब 21 से 90 दिन के अभ्यास से बच्चों की इंद्रियां संवेदनशील होने लगती हैं। बच्चोंको जो भी कुछ अभ्यास दिया जाता है। उससे पूरा एक्टिवेशन हो जाता है। इसके बाद हर सुबह शाम तीन मिनिट बतायी गयी सासोंकी सायकल रोज करते है तो इसका आजीवन लाभ मिलेगा।

बच्चे की उम्र कितनी होनी चाहिए?

8 से 18 साल तक के बच्चों का मिडब्रेन Activation सहजता से सक्रिय हो सकता है। 14 सालके बाद बच्चोमे आनेवाले हार्मोनल बदलाव मिडब्रेन को पूरी तरह से एक्टिव होने मे रुकावट पैदा करते है। इसलिए 14 उम्र तक ही करना जरूरी है।

बच्चों को इसका क्या फायदा होता है?

मिडब्रेन एक्टिवेशन कोर्स करने के बाद बच्चों में Concentration की भरपुर मात्रा मे बढ़ोतरी होती है,यहां तक कि वे आंखों में पट्टी बांधकर कुछ भी पहचान सकते है, किताबें पढ़ सकते हैं,विभिन्न रंगों को आसानी से पहचान सकते हैं। कोर्स करने के बाद छात्रों की Life Style ही बदल जाती है। यह कोर्स भारतीय योगशास्त्र तथा वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित है,इससे कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता।श्वास तो हम दिन-रात लेते है। मगर इसमे एक लयबद्धता से जैसे बताया जायेगा वैसे लेना है। इस प्रक्रियासे बहुत लाभ संभव हैं। जैसे की IQ काफी तेजी से बढता है,ग्रहण शक्ति में वृद्धि होती है,आत्म-विश्वास बढता है,क्रिएटिविटी का विकास होता है, गुस्से पर नियंत्रण हो जाता है,आंखें बंद रख कर किसी भी दृश्य,वस्तु या व्यक्ति को जानने की क्षमता बढ जाती है,स्मरण-शक्ति का विकास हो जाता है, विश्लेषण क्षमता तथा निर्णय लेने की शक्ति का विकास हो जाता है, बच्चा आंखें बंद करके पढ़ सकता है,आंखों पर पट्टी बांधकर किसी भी वस्तु या व्यक्ति को छू कर,सूंघ कर उसके बारे में सटीक बता देता है। यह तकनीक आज के बच्चों के लिए एक वरदान है।

Adult Midbrain क्यु सक्रिय करना है?

जैसे जैसे व्यक्ति की उम्र बढती है, उसकी याददाश्त कम होने लगती है।अगर इस याददाश्त को बरकरार रखना है तो Adult Midbrain Activation करना जरुरी है। इस तीन दिन के program मे ध्यान,त्राटक पद्धति, Mind Game, श्वास लेनेकी अलग पद्धति ऐसे अलग अलग माध्यम से ब्रेन को Active कीया जाता है। कोर्स पुरा होते ही लोगोमे intuition Power बढने लगती है। अंदरसे अलग अलग सुगंध का अहसास होता है। बहुत एनर्जेटिक लगता है। यह अभ्यास का practice व्यक्ति अगर निरंतर आधा घंटा करे तो उसे कीसी तरह की बिमारी या समस्या नही आ सकती है। इसलिए यह program 15 साल से आगे 60+ के लोग कर सकते है। Adult Midbrain Activation जिसके द्वारा 15 से 60 साल तक के लोगों में भी इन्ट्यूशन पावर,सृजनशीलता,माइन्ड पावर, टेलीपैथी,हीलिंग शक्ति, एकाग्रता,गहरी निद्रा आदि योग्यताये विकसित की जा सकती हैं।